Monday, November 8, 2010

सावधान

 एक नेताजी के
मकान के गेट पर लिखा था 
'कुत्तो से सावधान'
मै  घबराया,थोडा बुदबुदाया
और डरते हुए कल बेल बजाय
तभी कुत्ता गुर्राया-कौन ?
मै  फिर भरमाया,थोडा फिर बुदबुदाया
क्या जमाना आ गया है
कुत्ता भी आदमी की
शकल पा गया है
तभी आत्मा की आवाज आई
अरे नहीं भाई 
अब तो आदमी ही
कुत्ता जैसा हो गया है
देखते नहीं 
कैसे देश को नोच कर
खा गया है

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